Cancer Kaise hota hai? -- कैंसर कैसे होता है?
कैंसर एक बहुत बड़ी बीमारी है जो दुनिया भर में हजारों लोगों को प्रभावित करती है। इस ब्लॉग पोस्ट में हम Cancer Kaise hota hai? (कैंसर कैसे होता है) और इसमें शामिल होने वाले कारणों को समझेंगे और इस भयावह बीमारी से लड़ने और समझने के लिए चल रहे प्रयासों के बारे में भी जानकारी प्रदान करेंगे। कैंसर के पीछे के कारण को समझें, लोगों की जागृति बढ़ाना और इस जटिल स्थिति को समझना हमारे लिए एक बहुत बड़ा उद्देश है।
Cancer Kaise hota hai? (कैंसर कैसे होता है?):
कैंसर कई कारणों से हो सकते है, लेकिन उनमेसे कुछ महत्वपूर्ण कारणों का जानेगे जो कि निम्नलिखित है।जेनेटिक्स और बदलाव (genetics and variation):
कैंसर अक्सर जनटिक्स वेरिएशन से शुरू होता है जो कोशिकाओं की सामान्य कार्यप्रणाली मे बाधा उत्पन्न करती है। कुछ जीनो में होने वाले बदलाव कैंसर का कारण बनता है, क्योंकि वे अनियमित सेल विकास ही कैंसर के होने का कारण बनता है। ये बदलाव जीवन के शुरुआत में माँ बाप से ही फ़ैलते है या फिर अपने जीवन काल में धूम्रपान, विकिरण या कुछ रसायनों के संपर्क में आने से आनुवंशिक परिवर्तन हो जाता है, जो कैंसर का कारण बनता है। जेनेटिक करणों और बदलावों को समझना, कैंसर की शुरूआती स्टेज को समझना हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है।ऑन्कोजीन और ट्यूमर शमन वाले जीन (Oncogenes and Tumor Suppressor Genes):
जाने माने जीन जैसे ऑन्कोजीन और ट्यूमर सप्रेसर जीन कोशिका वृद्धि और विभाजन को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ऑन्कोजीन जब बदल जाते हैं या सक्रिया हो जाते है तों वे अत्यधिक कोशिका विभाजन को बढ़ावा देते है जिससे ट्यूमर का विकास होता है। और वही दूसरी ओर ट्यूमर शमन जीन रक्षक की तरह काम करते हैं अनियमित कोशिका वृद्धि को रोक कर कैंसर की विकास को रोकते हैं। इन जीन्स के मध्यम से स्थिर रखना, सेल का भाग्य तय करता है, जिससे वे कैंसर रिसर्च में महत्वपूर्ण होते हैं और सांभावित चिकित्सा उपायों के लिए भी महत्वपूर्ण होते है।कार्सिनोजन और पर्यावरण के कारण (carcinogens and environmental causes):
कुछ पदार्थ जिन्हे कार्सिनोजन कहा जाता है कैंसर के लिए बहुतबबाड़ा खतरा माना जाता है। कार्सिनोजन अलग-अलग रूप में पाये जाते हैं, जैसे पर्यावरण में मौजुद प्रदूषण, तम्बाकू धुआ, कुछ रसायन, और कुछ आहार तत्व मे भी। ये पदार्थ हमारे DNA को नुकसान पहुंचाते हैं जिससे आनुवंशिक परिवर्तन और उत्परिवर्तन होता है जो कैंसर की शुरुआती लक्षण उत्पन्न करता है। कार्सिनोजेन्स के संपर्क को पहचान कर और काम करने का प्रयास करना, कैंसर के खतरे को काम करने का बहुत महत्वपूर्ण तरीका है और साथ ही स्वस्थ जीवन का अनुभव करता है।वायरस और कैंसर (virus and cancer):
कुछ वायरस को भी विशेष प्रकार के कैंसर का कारण माना जाता है। जैसे की ह्यूमन पेपिलोमावायरस (HPV) गर्भाशय कैंसर का कारक माना जाता है, जबकी हेपेटाइटिस बी और सी वायरस लिवर कैंसर के लिए जाने जाते है। ये वायरस अपना जेनेटिक मटेरियल गोश्त कोषिकाओ में मिला कर, उनकी सामान्य क्रिया को डिस्टर्ब कर देते हैं और संक्रमित कोशिकाओ की अव्यवस्थित वृद्धि और अनियमित विकास को बढ़ाता है। इन वायरस के खिलाफ टीकाकरण, संबन्धित कैंसर के संक्रमण की अवधि में काम करना सफल साबित हुआ है।इसे भी जाने: यौन संचारित रोग क्या है?
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