ऑटोट्रॉफिक न्यूट्रिशन

ऑटोट्रॉफिक न्यूट्रिशन(Autotrophic Nutrition) का मतलब होता है कि कोई जीव खुद अपना भोजन बनाता है जैसे कार्बन डाइऑक्साइड, पानी और मिनरल्स से। इस प्रोसेस से पौधे, शैवाल और कुछ बैक्टीरिया जैसे जीव खुद का खाना बना सकते हैं। क्या ब्लॉग पोस्ट में हम ऑटोट्रॉफिक न्यूट्रिशन (Autotrophic Nutrition) के प्रकार, प्रक्रिया और महत्व को समझेंगे।
ऑटोट्रॉफिक न्यूट्रिशन

ऑटोट्रॉफिक न्यूट्रिशन:

ऑटोट्रॉफिक न्यूट्रिशन के प्रकार(Types of Autotrophic Nutrition):

Autotrophic Nutrition दो प्रकार के होते हैं: प्रकाश संश्लेषण और रसायन संश्लेषण।
प्रकाश संश्लेषण के पौधे, शैवाल, और कुछ बैक्टीरिया में होता है। क्या प्रोसेस में पिगमेंट जैसे क्लोरोफिल का इस्तेमाल होता है जो कि क्लोरोप्लास्ट में होता है। क्लोरोफिल लाइट एनर्जी को अवशोषित करता है और कार्बन डाइऑक्साइड और पानी को ग्लूकोज में कन्वर्ट करता है।
केमोसिंथेसिस में कुछ बैक्टीरिया केमिकल रिएक्शन से ग्लूकोज बनाते हैं। ये बैक्टीरिया डीप-सी हाइड्रोथर्मल वेंट्स जैसे वातावरण में पाए जाते हैं।

स्वपोषी पोषण की प्रक्रिया(process of autotrophic nutrition):

स्वपोषी पोषण की प्रक्रिया जीव के प्रकार पर निर्भर करती है। पौधे और शैवाल में प्रकाश संश्लेषण क्लोरोप्लास्ट में होता है। ये स्ट्रक्चर्स लाइट एनर्जी को अब्ज़ॉर्ब करते हैं और कार्बन डाइऑक्साइड और पानी को ग्लूकोज़ में कन्वर्ट करते हैं।
बैक्टीरिया में केमोसिंथेसिस वेसिकल्स में होता है। ये स्ट्रक्चर्स एंजाइम्स को कंटेन करते हैं जो केमिकल एनर्जी को ग्लूकोज में कन्वर्ट करते हैं।
अंतिम परिणाम के दोनों केस में ग्लूकोज बनता है जो organism के लिए एनर्जी सोर्स होता है। ग्लूकोज या तो तत्काल इस्तेमाल के लिए या स्टोरेज के लिए इस्तेमाल होता है।

ऑटोट्रॉफिक न्यूट्रिशन का महत्व(Importance of Autotrophic Nutrition):

ऑटोट्रॉफिक न्यूट्रिशन प्राकृतिक दुनिया में कई जीवों के लिए आवश्यक है। बिना इसके ये जीव खुद का खाना नहीं बना सकते और दूसरे जीव पर निर्भर रहते हैं।
पौधे और शैवाल पारिस्थितिकी तंत्र में प्राथमिक उत्पादक होते हैं। ये अपना खुद का खाना बनाते हैं जो दूसरे जीवों के लिए एनर्जी source provide करता है। बीना प्लांट्स और शैवाल के कई जीव जीवित नहीं रह पाते हैं।
केमोसिंथेटिक बैक्टीरिया भी कई इकोसिस्टम में महत्वपूर्ण है, जैसे गहरे समुद्र में हाइड्रोथर्मल वेंट्स जैसे चरम वातावरण में। ये बैक्टीरिया chemical reaction से खुद का फूड बनाते हैं जो दूसरे जीवों के लिए फूड source प्रोवाइड करता है।

निष्कर्ष(In Conclusion):

ऑटोट्रॉफिक न्यूट्रिशन नेचुरल वर्ल्ड में एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो Inorganic material's से फूड बनाने की क्षमता बताती है। ये प्रोसेस फोटोसिंथेसिस और केमोसिंथेसिस के जरिए होता है। प्लांट्स, एल्गी, और केमोसिंथेटिक बैक्टीरिया प्रोसेस से खुद का फूड बनाते हैं जो इकोसिस्टम के लिए जरूरी होता है। ऑटोट्रॉफिक न्यूट्रिशन को समझने के लिए महत्वपूर्ण है।

FAQ:

Ques-01:ऑटोट्रोफ़िक और हेटेरोट्रॉफीक न्यूट्रिशन क्या होता है?
Ans:ऑटोट्रॉफिक न्यूट्रिशन का मतलब होता है कि कोई जीव आसनी से खुद अपना खाना बना सकता है, जैसा कि पानी, हवा और धूप का इस्‍तेमाल करके। विषमपोषी पोषण में कोई जीव दूसरे जैविक पदार्थ को खाकर अपना पालतू भर सकता है, जैसे कि हम इंसान भी खाना खाकर ऊर्जा और पोषक तत्व लेते हैं।

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